Abhaav
Abhaav

अभाव

( Abhaav )

 

अंधेरा न होता तो सवेरा न होता
होता न दिन तो रात भी न होती
यही तो है सच्चाई भी जीवन की
होता सबकुछ तो कुछ भी न होता..

न होती किसी को जरूरत किसी की
न किसी को किसी की पहचान होती
न होती भूख किसी को न प्यास होती
न किसी से उम्मीद होती न आस होती..

कुछ का न होना ही सब का होना है
कुछ को पाने के लिए ही तो कुछ होना है
कह लो इसे संघर्ष,प्रेम,लोभ या लालच
इसके खातिर ही तो जागना और सोना है..

अभाव ही तो करता है प्रेरित करने के लिए
अभाव ही तो दिखाता है राह संघर्ष की
अभाव ही तो पहुंचाता है शिखर तक
अभाव ही तो है राह आपके उत्कर्ष की…

कमी तो आती ही है पूरा करने के लिए
पूरे की चाहत ही तो बनाती है सफल तुम्हे
दुख के पीछे ही छिपी है बहार खुशियों की
कमी ही तो देती है करने की प्रेरणा तुम्हे…

 

मोहन तिवारी

( मुंबई )

यह भी पढ़ें :-

मन | Man

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here