खुशियों में हर मातम बदला | Matam Shayari
खुशियों में हर मातम बदला
( Khushiyon mein har matam badla )
गर्मी का ये आलम बदला
बारिश आयी , मौसम बदला
ज़ख़्म नहीं भर पाये दिल के
साल महीने मरहम बदला
लोग नये सत्ता में आये
हर छत पर अब परचम बदला
साल महीने मौसम बदले
लेकिन कब मेरा ग़म बदला
सच्चा समझा जिसको सबसे
उसने चेहरा हरदम बदला
बदल गया हूँ यूँ तो मैं भी
लेकिन औरों से कम बदला
‘अहद’ करिश्मा रब का देखो
खुशियों में हर मातम बदला !