Voter Zaheen ho Jaye
Voter Zaheen ho Jaye

वोटर ज़हीन हो जाये

( Voter zaheen ho jaye ) 

 

इक मुहब्बत का सीन हो जाये
चाय सँग चाऊमीन हो जाये

इक झलक महजबीन हो जाये
इश्क़ ताज़ातरीन हो जाये

दिल का कमरा है खाली मुद्दत से
कोई इसमें मकीन हो जाये

बैठ जाओ जो रूबरू मेरे
यह ग़ज़ल बेहतरीन हो जाये

गुफ्तगू प्यार से करें हम-तुम
ज़िन्दगी आफ़रीन हो जाये

कुछ तो ऐसा सबूत पेश करो
दिल को फिर से यक़ीन हो जाये

ख़ुद सँभल जाये देश की हालत
गर ये वोटर ज़हीन हो जाये

वक़्त कैसी ये तेरी ख़्वाहिश है
आदमी क्या मशीन हो जाये

मेरी परवाज़ देख कर साग़र
आसमां ख़ुद ज़मीन हो जाये

 

कवि व शायर: विनय साग़र जायसवाल बरेली
846, शाहबाद, गोंदनी चौक
बरेली 243003

महजबीन–चाँद जैसा मुखड़ा
मकीन–घर में रहने वाला
आफ़रीन–बहुत अच्छी ,धन्य

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