स्वतंत्र है अब हम | Swatantrata Hai ab Hum
स्वतंत्र है अब हम
( Swatantrata hai ab hum )
पूर्ण स्वतंत्र है अब हम
स्वतंत्रता दिवस है आया,
हर्ष,उल्लास, देशभक्ति
का रंग फिज़ा में छाया।
आजाद वतन के वास्ते वीरों
ने अपना खून बहाया,
तोड़ गुलामी की जंजीरें
आज़ाद वतन बनाया।
पृथक भाषा, पृथक जात,
पृथक बोलते है बोलियां,
स्वतंत्र देश को करने
सीने पर खाई सबने गोलियां ।
वीर सैनिक गाते है यहां
देशभक्ति की मीठी लोरियां
नापाक इरादों से जो उठी
वो तोड़ दी है उँगलियां।
विश्व गुरु बन महान इसने
सबको गले लगाया,
दामन अपना फैलाया
जब भी संकट आया।
ये तिरंगा झंडा देश की
पहचान बन लहराया,
गर्व भारतीय होने का
हृदय में सबके समाया।
शैली भागवत ‘आस’
शिक्षाविद, कवयित्री एवं लेखिका
( इंदौर )