Desh Bhakt hai Hum Bharat ke
Desh Bhakt hai Hum Bharat ke

देशभक्त है हम भारत के

( Desh bhakt hai hum bharat ke ) 

 

हिम्मत व हौंसला रखतें है हम भारतीय नौजवान,
इसी का नाम है ज़िन्दगी चलते-रहते वीर जवान।
निराशा की कभी ना सोचते और नहीं खोते आस,
सिर‌ ऊपर पानी बह जाएं चलते रहते सीना तान।।

धरा को माता कहते है हम पिता कहते आसमान,
है राष्ट्र की सेवा प्रथम कर्तव्य जय जय हिन्दुस्तां।
हालात चाहें कैसे भी हों दुश्मन को करतें नाकाम,
अपनी प्रवाह न करके शत्रु को पहुॅंचाते कब्रिस्तां।।

सीमाओं पर हम देते है पहरा चाहें हो घोर-अंधेरा,
हंसकर फ़र्ज़ निभातें हम ऐसी ज़िन्दगी है हमारा।
प्राण से भी प्यारा हमको है यह भारत का तिरंगा,
गर्व करते है जिसपर हम लगातें जय हिन्द-नारा।।

नामुमकिन को मुमकिन करके जो कर देते हैरान,
शीत ग्रीष्म या वर्षा ऋतु में भी घबराते न जवान।
देशभक्त है हम भारत के हॅंसते हॅंसते दे देते जान,
हुए है कई स्वतन्त्रता सेनानी जो कहलाए महान।।

राजगुरू सुखदेव आज़ाद व भगत सुभाष है नाम,
तात्या टोपे लाल बाल पाल पीएं स्वतन्त्रता जाम।
स्वर्ण-अक्षर में लिखा है इतिहास में जिनका नाम,
आज देश का हर नागरिक उनको करता प्रणाम।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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