बुग्ज़ दिल से निकाल देते हैं | Bugz Dil se Nikal Dete Hain
बुग्ज़ दिल से निकाल देते हैं
( Bugz dil se nikal dete hain )
बुग्ज़ दिल से निकाल देते हैं
बिखरे रिश्ते सॅंभाल देते हैं।
किसकी बाज़ी है देखने को ये
एक सिक्का उछाल देते हैं।
बात जब दोस्ती की चलती है
लोग अपनी मिसाल देते हैं।
रोज़ कहते की भूल बैठे हो
दिल तुम्हारा खॅंगाल देते हैं।
ये जो इवहाम पनपते दिल में
ये मुसीबत में डाल देते हैं।
वक्त से हम गिला नहीं करते
वक्त में खुद को ढाल देते हैं।
जब भी पूछा है हाल दिल का तो
वो नयन कल पे टाल देते हैं।
सीमा पाण्डेय ‘नयन’
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )