सनम तुम | Ghzal Sanam Tum
सनम तुम
( Sanam Tum )
मात्रा भार:
१२२२ – १२२२ – १२२२
सनम तुम इक दफ़ा नजरें मिला लेना,
झुकाकर यह नज़र, फिर से उठा लेना !
जो चाहो तुम मेरी हसरत कभी रखना
हसीं मुख से ज़रा परदा हटा लेना !
छुआ है दिल तुम्हारी इन अदाओं ने,
उठाकर तुम न ये आँचल गिरा लेना !
हमें तुम अपनी बाहों का सहारा दे
पनाहों में अदब से फिर बिठा लेना !
ये चिलमन बन गई दुश्मन हमारी क्यों
तुम्हारा बेसबब इसका गिरा लेना ।
डी के निवातिया