भुवाल माता

नवरात्रि पर्व (अश्विन )

नवरात्रि पर्व (अश्विन )

भुवाल माता पर आस्था अम्बर हैं ।
यह निश्छल ,अविरल , अपलक है ।
यह सत्यं-शिवं -सुन्दरं क्षेमंकर हैं ।
यह आत्म पथ फलदायी सुखकर है ।
भुवाल माता का स्मरण सदा सुखदायी है ।
भुवाल माता पर आस्था अम्बर हैं ।
जब तक रहता है नील गगन में तारा
तब तक छविमान दिखता लगता प्यारा
जब अपने उच्च स्थान से वह डिग जाता
पाषाण – पिण्ड बन कर पृथ्वी पर आता
कहलाता उल्कापात बहुत दुखकर हैं ।
भुवाल माता पर आस्था अम्बर हैं ।
यदि कोई बात किसी पर थोपी जाती
वैज्ञानिक युग में वह बन्धन कहलाती
पर समझ – समझ कर जो पथ अपनाता नर
उस पर चलना फिर हो कितना ही दुष्कर
स्वेच्छा से स्वीकृत मरना भी सुखकर है
भुवाल माता पर आस्था अम्बर हैं ।
भुवाल माता पर आस्था अटूट किनारा है ।
जिस पर मानव श्रद्धा से विश्वास रखता है ।
भुवाल माता पर आस्था ऐसी अभेद रेखा है
जिसका प्रभाव व्यवहार जगत में देखा है ।
श्रद्धा देती मजबूती का अटूट वर है ।
भुवाल माता पर आस्था अम्बर हैं ।

प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)

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