शबाब आया नया – नया है
शबाब आया नया – नया है
शबाब आया नया -नया है
सुरूर गहरा नया- नया है
करें गिले किस तरह बताओ
बना ये रिश्ता नया -नया है
कहें तुझे कैसे अलविदा हम
अभी नजारा नया- नया है
पिला दे उल्फ़त के जाम साकी
हुआ दिवाना नया -नया है
भडक रहे हैं जिगर में शोले
उठा ये पर्दा नया- नया है
क़ुबूल जब से हुई मुहब्बत
हमारा जलवा नया- नया है
ग़ज़ल कही है जो आज मीना
रदीफ़ उसका नया- नया है
कवियत्री: मीना भट्ट सिद्धार्थ
( जबलपुर )
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