नया साल आया है
नया साल आया है
स्वर्णिम आभा छाई है नए सपने लाई है
उत्साह का किरण जल रहा है नवीन सपने लेकर
नया साल आया है नई खुशियां लेकर
जो रीति गई वह बीत गई
अब क्या पछताना उनको लेकर
नया साल आया है नई खुशियां लेकर
दुख की काली अधियारी थी जो
वह अब बीत चुकी है
सुख की नव पुष्पित पलवित
हर्षित हो अब खिल चुकी है
फिर क्यों बहाना आंसू काले अतीत को लेकर
नया साल आया है नई खुशियां लेकर
हां दुआ नवीन की यह साल आए
आपके जीवन में नई सुबह लेकर
नया साल आया है नई खुशियां लेकर
हां नया साल आया है आपके लिए नई खुशियां लेकर
नवीन मद्धेशिया
गोरखपुर, ( उत्तर प्रदेश )