Kavita Ji Lete
Kavita Ji Lete

जी लेते हैं चिथड़े में खुशहाली में

 

फुटपाथ पर ही हमें हरियाली है
जी लेते हैं चिथड़े में खुशहाली है।

कचड़े में अरमान तलाश लेते हैं
नहीं चोट किसी को कभी देते हैं।

छिन लिया जिसने हमारी थाली है
उसके घर पाजेब सोने की बाली है।

मेरे घर होली औ कहाँ दीवाली है
सारे दिन लड़ने के लिए कंगाली है।

पेट की समस्या सुनता भी कौन है
चलती राह में भी देख वह मौन है।

रोड शो में घर-बार छिपाये जाते हैं
है विकसित ये देश लिखाये जाते हैं।

जंग पकड़े औ सड़े गले भी लोहे में
कमजोर पक्ष जीवन के इस दोहे में।

तावे की रोटियांँ न मिलने वाली है
खाली पेट में आग धधकने वाली है।

Vidyashankar vidyarthi

विद्या शंकर विद्यार्थी
रामगढ़, झारखण्ड

यह भी पढ़ें :-

बहुत मुश्किल है जिंदगी में | Geet Bahut Mushkil hai

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here