Ghazal | Amazing Urdu Poetry -प्यार के तू मुझपे गुलू कर दें
प्यार के तू मुझपे गुलू कर दें
( Pyar Ke Tu Mujhpe Guloo Kar De )
प्यार के तू मुझपे गुलू कर दें!
सामने चेहरा रु- ब -रु कर दें
वो मिलेगा नहीं कभी तुझको
बंद उसकी तू जुस्तजू कर दें
छोड़ नाराज़गी सभी दिल से
की शुरु उससे गुफ़्तगू कर दें
है तमन्ना जिसकी मुहब्बत की
रब वो पूरी तू आरजू कर दें
उधड़ा पैवन्द प्यार का मेरे
प्यार का अपनें तू रफ़ू कर दें
आयी है आज वस्ल की रातें
चाँद सी शक्ल हू ब हू कर दें