Ghazal बहोत दुश्वार है दिल का दरिया हो जाना

Ghazal बहोत दुश्वार है दिल का दरिया हो जाना

बहोत दुश्वार है दिल का दरिया हो जाना

( Bahot Dushwar Hai Dil Ka Dariya Ho Jana )

 

 

बहोत दुश्वार है दिल का दरिया हो जाना

जैसे एक दम से बेहरका क़तरा हो जाना

 

ये फितरत नहीं होती हर किसी में सुमार

सबको मयस्सर और एक पे फ़िदा हो जाना

 

दश्त-ए-बे-आब पे सफर है मेरे दोस्त

इतनी तस्कीन-ए-पा नहीं है फ़ना हो जाना

 

भला किसकी आँखें नहीं झूमती उसे देखकर

शराब की अहतिसम है और प्यासा हो जाना

 

बड़े तहम्मुल के साथ सुन्ना पड़ता है ‘अनंत’

कोई आसान नहीं है हम जैसा हो जाना

 

Meaning of the couplets:

 

Being heartful is as harshful as

seas turning to a droplet.

 

Not all people are habitual of being

available to all but only  belongs to you.

 

Ready to be destroyed is just

 like travelling through the desert without water.

 

There is no single person in this world who doesn’t

intoxicate. But, you are the only whom I respect as intoxicating

agent because drinking you I became more and more thirsty.

 

It is not as easy as you think to become like ‘Ananta’. First of all,

you have to learn the art of listening along with infinite patience.

?

Swami Dhayan Anant

लेखक :  स्वामी ध्यान अनंता

( चितवन, नेपाल )

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