वह बचपन की याद पुरानी

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वह बचपन की याद पुरानी

( Woh bachpan ki yaad purani )

दही  बिलोती  दादी नानी
नहीं रही वह कथा कहानी
कहां  गई  पीपल की छांव
वो बचपन की याद पुरानी

 

सावन  के  झूले  कहां  अब
कहां बरसता टिप टिप पानी
बहुत सुहानी लगती हमको
वो  बचपन  की  याद पुरानी

 

निकर पहन स्कूल जाना
छोटा  झोला  पोथी  पाना
मास्टरजी की डांट खानी
वो बचपन की याद पुरानी

 

कभी  कबड्डी  खेल खेलते
मौज मस्ती में अव्वल सानी
यार  दोस्तों का अटूट प्रेम
वो बचपन की याद पुरानी

 

कभी  रूठते  मान भी जाते
पिकनिक जाकर खुशी मनाते
बालपन  प्यारा  वो नादानी
वो  बचपन  की  याद  पुरानी

?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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