Aankhon ka paimana
Aankhon ka paimana

आँखों का पैमाना

( Aankhon ka paimana )

 

है  उसकी  नजर  मीठा जहर तो है दवा मैखाना ।
नजर से होश खो जाये, तो वापिस जाम से आना ।।

 

हुआ बीमार जब मैकश,जुड़ गये झूमकर मैकश ।
हुआ बीमार जब बाइज, हुआ घर उससे बेगाना ।।

 

हमारे  इश्क  के  सौदे  में, तुम क्यों फूल ले आये ?
हुआ तो था कि तुम फूलो की जगह जाम ले आना ।।

 

नजर का नशा ढल जाता है उसकी उम्र ढ़लने पर ।
मजा लेना हो मै का उसको ढलती उम्र में लाना ।।

 

कर दिया बन्द मैं खाना गिराकर पलक झटके से ।
खड़े के खड़े रह गये हम लिये आखों का पैमाना ।।

 

 

✍?

 

लेखक : डॉ.कौशल किशोर श्रीवास्तव

171 नोनिया करबल, छिन्दवाड़ा (म.प्र.)

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