Dil ke jharokhe se kavita
Dil ke jharokhe se kavita

दिल के झरोखे से

( Dil ke jharokhe se )

 

 

दिल के झरोखे से झांको जरा मेरे यार

खुशियों भरा यह संसार

 

दिल के सब दरवाजे खोलो मधुर मधुर बोलो

जोड़ो दिलों के तार खुशियों भरा यह संसार

 

कोई तराना आए कोई मुस्कान लबों पे छाये

उमड़े दिलों में प्यार खुशियों भरा यह संसार

 

खिल जाए दिल की बगिया प्रीत की बयार आए

झूमो नाचो दिलदार खुशियों भरा यह संसार

 

हर्ष उमंगे भर लो मोती लूटाओ प्यार के

बरसे प्रेम रसधार खुशियों भरा यह संसार

 

जीवन की हर जंग में कुदरत के हर  रंग में

कभी जीत कभी हार खुशियों भरा यह संसार

 

   ?

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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