आरंभ ही अंत है | Aarambh hi Ant Hai

आरंभ ही अंत है

( Aarambh hi ant hai ) 

 

मत सोच ये कि तूने क्या किया है,
जो पाया उसमें भी कुछ खोया है,
हर हार में भी तेरी जीत है,
कितना भी सुलझा ले खुद को तू,
तुझे नीचा दिखाना यही दुनियां की रीत है,
तू गिरकर संभलने के भरसक प्रयास कर,
तुझे खुद से लड़ना जीवन पर्यंत है,
चाहे कहीं से भी शुरूआत कर,
आरंभ ही तेरा अंत है।।

 

रचनाकार : योगेश किराड़ू
बीकानेर ( राजस्थान )

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