
भोले भंडारी हम तेरे भिखारी
( Bhole bhandari hum tere bhikhari )
दर्शनों को हम भटक रहें बाबा बनकर के भिखारी,
कृपा करों त्रिलोकीनाथ अब सुध लो आप हमारी।
रोज़ सवेरे निकलते है खोज करनें को हम तुम्हारी,
दर्शन तो अब दो बाबा तबीयत ठीक ना है हमारी।।
निराश ना करना मेरे नाथ में सच्चा तुम्हारा पुजारी,
थोड़ा पुण्य में भी कमाऊं इसलिए दौड़ मेरी जारी।
इस असंभव को संभव करदो आज आप त्रिपुरारी,
चरण रज में ले लूं आपकी बस इच्छा है यें हमारी।।
नही तो रहेंगी भाग दौड़ यह सर्वदा ऐसी ही हमारी,
क्यों कि हम है ऐसे परिवार से जो है यह संस्कारी।
आज दुनिया भी ताने मार रही ये कैसा है भिखारी,
भोलेनाथ का दर्शन पाने को बन गया है ये मदारी।।
सब चाहतें सुख-समृद्धि यहां वह नर हो चाहें नारी,
बिना मेहनत के बनना चाहतें है बड़े सारे व्यापारी।
कैसे पार लगेंगी नैय्या यह समझ ना आता हमारी,
हर-हर महादेव शिवशम्भू कृपा करो भोले भंडारी।।
निर्धन की झोली खाली भरदे खोल अपनी पिटारी,
हम तो मात्र याचक है प्रभु आप हमारे अधिकारी।
सभी के मालिक एक आप है दीन बन्धु दुःख हारी,
संपूर्ण ख़बर होती है आपकों पल पल की हमारी।।