अब तो उसी की आरजू होने लगी | Aarzoo shayari in Hindi
अब तो उसी की आरजू होने लगी
( Ab to usi ki aarzoo hone lagi )
प्यार की ही ये किसी से गुफ़्तगू होने लगी
रात दिन अब तो उसी की आरजू होने लगी
खो गया मिलकर हंसी मुखड़ा मुझसे जो भीड़ में
शहर की अब हर गली में जुस्तजू होने लगी
इसलिए सांसें महकी है ये किसी के प्यार से
बारिशें देखो मुहब्बत की गुलू होने लगी
बात क्या कर ली है मैंनें हंसकर तुझसे थोड़ी सी
तेरी मेरी बातें देखो चार सू होने लगी
हाँ तरसता था जिसके दीदार को मैं रात दिन
आज मेरे ही वो सूरत रु – ब -रु होने लगी
देख लिया ऐसा चेहरा मैंनें गली में शहर की
रोज़ दिल में प्यार की अब आरजू होने लगी
ख़्वाब आते है तेरे हर रात अब मुझको सनम
पास आज़म के सनम जब से ही तू होने लगी