Ail Jabse Holiya

आइल जब से होलिया | Ail Jabse Holiya

आइल जब से होलिया

( Ail Jabse Holiya )

 

पीछे पड़ल गँउवाँ-जवार,
आईल जब से ई होलिया।
लोग माँगेन दिलवा हमार,
आईल जब से ई होलिया। (4)

कोरी उमरिया बा, कोरी चुनरिया,
बस में न बाटे ई हमरी अंचरिया।
हमरी अंचरिया हो,हमरी अंचरिया,
हमरी अंचरिया हो,हमरी अंचरिया,
हर कोई माँगे उधार,
आईल जब से ई होलिया।
लोग माँगेन दिलवा हमार,
आईल जब से ई होलिया।
पीछे पड़ल गँउवाँ-जवार,
आईल जब से ई होलिया।

आई मजा तोहके जब लूटबू लहरिया,
रंगवाँ से भींगी सुना तोहरो घघरिया।
तोहरो घघरिया हो,तोहरो घघरिया,
तोहरो घघरिया हो,तोहरो घघरिया,
उतर जाई तोहरो बुखार,
आईल जब से ई होलिया।
लोग माँगेन दिलवा हमार,
आईल जब से ई होलिया।
पीछे पड़ल गँउवाँ-जवार,
आईल जब से ई होलिया।

देखा पिचकरिया,न कउनों खराबी,
थोड़ी नशा इसमें, थोड़ी शराबी,
थोड़ी शराबी हो,थोड़ी शराबी,
थोड़ी शराबी हो,थोड़ी शराबी,
उतार देई तोहरो खुमार,
आईल जब से ई होलिया।
लोग माँगेन दिलवा हमार,
आईल जब से ई होलिया।
पीछे पड़ल गँउवाँ-जवार,
आईल जब से ई होलिया।

रामकेश एम यादव (कवि, साहित्यकार)
( मुंबई )

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