Aisi Muhabbat
Aisi Muhabbat

ये ऐसी मुहब्बत है साहब

( Yeh aisi muhabbat hai sahab ) 

 

ये ऐसी मुहब्बत है साहब जो पूॅंछकर न की जाती,
दिल-दिमाग एवं जोश-होश के साथ ये की जाती।
जटिल से जटिल कठिनाइयों से भी ये निपट लेती,
उदास चेहरे पर भी ख़ुशियो की लहर छोड़ जाती।।

दुनियां इसको बेवजह शक्ल एवं कपड़ो में ढूॅंढती,
जब कि यह सैनिकों के दिल और ज़मीर में होती।
जिसका एक ही धर्म है यही मानवता पाठ पढ़ाती,
यह सरहदें भी इस फ़ौज के दम पर क़ायम होती।।

काले चाहें गोरे रंग का इसमें बिल्कुल भेद नही है,
मिलकर के सभी रहते है ये बात एक दम सही है।
अमन व शान्ति रखना देश में यही इसका फ़र्ज़ है,
देश-प्रेम का भाव यही हर सैनिक की मुहब्बत है।।

कई सॅंघर्षों से बनाया है यह फौलादी जिस्म हमने,
प्रशिक्षण में बहाकर पसीना ख़ून बचाया है हमने।
समर्पित है हमारी एक एक बून्द ख़ून की राष्ट्र को,
ऐसा इश्क जो किया हिंदुस्तान की मिट्टी से हमने।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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