Andekha gareeb
Andekha gareeb

इसलिए मैं हुआ अनदेखा गरीब हूँ!

( Isliye main hua andekha gareeb hoon )

 

 

इसलिए मैं हुआ अनदेखा गरीब हूँ!

मैं अमीरों में था यूं तन्हा गरीब हूँ

 

तू अमीर तुझसे क्या दोस्ती है मेरी

सुन ज़रा बात तू मैं  यारा गरीब हूँ

 

इतनी मिलती नहीं है मजदूरी मुझे

कैसे आटा खरीदूं महंगा गरीब हूँ

 

दाम कम करले तू दाल हल्दी का ही

पास मेरे न इतना  पैसा गरीब हूँ

 

देखली है अमीरों की ही अच्छाई

देखो वो तोड़ मत घर मेरा गरीब हूँ

 

दे सभी  मेरी मजदूरी जो हक मेरा

मत कर तू यूं पैसों में धोखा गरीब हूँ

 

पास चाहे नहीं हो पैसे जेब में

मैं नहीं देख आज़म दिल का गरीब हूँ

 

 

❣️

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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