Andhere Ujale

अंधेरे उजाले

( Andhere ujale ) 

 

देखोगे यदि आज की सरलता
तो बढ़ जाएगी कल की जटिलता
उजाले के लिए दीप जलाने होंगे
अंधेरा तो बिन बुलाए का साथी है

समझते हो जिन्हें आप अपना तुम
उन्हें भी इंतजार है आपकी सफलता का
दुनिया एक बाजार है मेरे बड़े भाई
यहां मुफ्त में कभी कुछ नहीं मिलता

बीवी बच्चे मां-बाप संगी साथी
सभी के आपसे लगी कुछ उम्मीद है
जैसे आपकी हुई है जरूरतें पूरी उनसे
वैसे ही सभी रिश्ते जरूरतों की मुरीद हैं

साथ देने पर ही मिल पाएगा साथ भी
अन्यथा कह देंगे की रास्ता उधर है
बेकद्री की जिंदगी जीभी लिया यदि
तो ढूंढते ही रह जाओगे रास्ता किधर है

समय के रहते समय का साथ ही पर्याय है
विकल्प में हाथ आता सिर्फ शून्य है
निर्णायक आप खुद हैं अपने जीवन के
समय तो गतिशील है ठहरता नहीं कभी

 

मोहन तिवारी

( मुंबई )

यह भी पढ़ें :-

मेरी चाहत | Meri chaahat

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here