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गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर | Rabindranath Tagore par Kavita
गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर ( Gurudev Rabindranath Tagore ) गुरू देव सादा जीवन जीनें वालें, नोबल पुरस्कार आप पानें वालें। रविन्द्र नाथ टैगोंर आप थें हमारें, साहित्य किंग जो कहलानें वालें।। महान शख्सियत और रचनाकार, ब्रह्म-समाज दार्शनिक चित्रकार। आध्यात्मिक एवंम् मर्यादा ज्ञाता, समाज सुधारक एवं संगीतकार।। धर्म परायण 13 बच्चों की माता, महान थी देवी…
संग हमें रहना है | Geet sang hamen rahana hai
संग हमें रहना है ( Sang hamen rahana hai ) हर मुश्किल संघर्षों को मिलकर हमें सहना है। कुछ भी हो जाए जीवन में संग हमें रहना है। संग हमें रहना है प्रीत की धारा बह जाए प्रेम सुधारस हम बहाये। प्यार के मोती लुटाए अपनापन अनमोल बढ़ाए। हमारी हर खुशियों का दिल…
नवरात्रि पर्व (चैत्र) सप्तम दिवस | Chaitra Navratri Parv
नवरात्रि पर्व (चैत्र) ( Navratri Parv ) सप्तम दिवस भुवाल माता का स्मरण सदा साथी इस जग में कोई दूसरा न साथी है । भुवाल माता पर श्रद्धा मानो दीपक में है यदि स्नेह भरा तो जलती रहती बाती है । उसके अभाव में लौ अपना अस्तित्व नहीं रख पाती है । इस जग में…
ओ मेरी प्रियसी
ओ मेरी प्रियसी ( नेपाली कविता ) तिम्रा ति घना काला नयनहरु मा कतै त हौंला म तिम्रा चयनहरु मा अपार प्रेम राखी हृदय को द्वारमा आएँ म प्रिय तिम्रो सयनहरु मा पिडा को गाथा लिई म आएँ तिमि सामु तिमि तर आयौं कथा का बयानहरू मा मेरो गीत, मेरो…
बंजारा की नौ नवेली कविताएँ
गली (एक) ————- एक जुलाहे ने बुनी थी दूसरी यह — ईट-गारे और घर-आंगन से बनी है . यह भी मैली है नुक्कड़ तक फैली है फटी है और सड़कों से कटी है . इसमें भी रंगों-से रिश्ते हैं और धागों-से अभागे लोग — जो जार जार रोते हैं ओढ़कर तार तार इसी चादर में…
hindi poetry on life || अशांत मन
अशांत मन ( Ashant Man ) शांत प्रकृति आज उद्वेलित, हृदय को कर रही है। वेदना कोमल हृदय की, अश्रु बन कर बह रही है। चाहती हूं खोद के पर्वत, बना नई राह दूं । स्वर्ण आभूषण में जकड़ी, जंग सी एक लड़ रही हूं। घूघंटो के खोल पट, झांकू खुले आकाश…