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खत् | Khat par kavita
खत् ( Khat ) हमारे “खत्” ही थे एक सहारे….||✉️|| 1.कलम उठा के कागज पर, अरमान दिलों के लिख डाले | मम्मी-पापा सब कैसे रहते हैं, सब हाल घरों के लिख डाले | मुहल्ले-पडोस की खट्टी-मीठी, सब चाहत-बातें-दिल काले | खत् लिख पोस्ट किया अब बैठे, जबाब की चाह मे दिल वाले | हमारे…
अनुबंध | Anubandh
अनुबंध ( Anubandh ) रिश्ता है अनमोल भाई बहन का ये नही बंधन महज एक कलाई का ये त्योहार नही है फकत राखी का बहन के लिए भाई है साथ बैसाखी का जन्मों जन्मों के बाद ये रिश्ता बनता है रिश्तों के आंगन मे बन पुष्प खिलता है उम्रभर निभाने का ये तो एक…
लेखक | Lekhak
लेखक ( Lekhak ) सत्य का समर्थन और गलत का विरोध ही साहित्य का मूल उद्देश्य है कहीं यह पुष्प सा कोमल कहीं पाषाण से भी सख्त है कहीं नमन है वंदन है कहीं दग्ध लहू तो कहीं चंदन है मन के हर भावों का स्वरूप है साहित्य हर परिस्थितियों के अनुरूप है साहित्य…
औरतों की मंडी | Auraton ki Mandi
औरतों की मंडी ( Auraton ki mandi ) भारत देश के मध्य प्रदेश में औरतों की मंडी लगती है जहां औरतें जानवरों की तरह खरीदी और बेंची जाती हैं खरीदने के पहले जानवरों के अंगों को दबा दबा कर देखा जाता है वही प्रक्रिया जवान लड़कियों के साथ अपनाई जाती है गरीब मां बाप…
अनलाॅक 4.0 | Kavita unlock 4.0
अनलाॅक 4.0 ( Unlock 4.0 ) *** लाॅकडाउन से छुटकारा मिला है, कोरोना से नहीं! बाजार जाएं शौक से पर बरतें सावधानियां कई? बात नहीं है कोई नई, सारी हैं वही। लापरवाही पड़ सकती है भारी, निकल जाएगी सारी होशियारी। संक्रमण से रहना है बचकर, तो निकलो मास्क पहनकर। व्यक्तिगत दूरी का भी रखें ख्याल,…
Jal par kavita | जल ही जीवन
जल ही जीवन ( Jal Hi Jeevan Hai ) बूॅ॑द -बूॅ॑द से घड़ा भरे, कहें पूर्वज लोग, पानी को न व्यर्थ करें, काहे न समझे लोग। जल जीवन का आधार है,बात लो इतनी मान। एक चौथाई जल शरीर, तभी थमी है जान। जल का दुरुपयोग कर, क्यों करते नुकसान। जल से है …