अपनों की याद में | Aap ki yaad mein shayari
अपनों की याद में !
( Aap ki yaad mein )
बह रहे आंसू अपनों की याद में!
घर जब से परदेश आया छोड़कर
व़क्त कटता शहर में तन्हा न था
गांव लौटा हूं यारों की याद में
कर रहूं अफ़सोस दिल में रात दिन
उसके झूठे हर वादों की याद में
ग़म भरे मैं गीत रहा हूं गुनगुना
टूटे ही वो हर ख़्वाबों की याद में
लिख रहा हूं ख़त उसे मैं आज फ़िर
प्यार भरी उसकी बातों की याद में
घर लगाये ओर फूलों के पौधें
उन मुरझाये से फूलों की याद में
नाम उसके लिख रहा आज़म ग़ज़ल
साथ जो गुजरें लम्हों की याद में
️
शायर: आज़म नैय्यर
( सहारनपुर )