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दुपहरिया | Dupaharia par Kavita

दुपहरिया ( Dupaharia )   तमतमाती चमक लपलपाती लपक लू की गर्म हवाएं बहती दायें बायें छांव भी गर्म पांव भी नर्म जल उठते थे नंगे जब चलते थे।दुपहरिया को क्या पता? गरीबी है एक...

भुजंग हुआ बदनाम व्यर्थ ही | Kavita Bhujang hua Badnam

भुजंग हुआ बदनाम व्यर्थ ही ( Bhujang hua badnam vyarth hi )    भुजंग हुआ बदनाम व्यर्थ ही अजगर पाले बैठे हैं। जहर उगल रहा है आदमी घट...

धूप सेंकने वो आती नहीं | Poem Dhoop Sekne

धूप सेंकने वो आती नहीं! ( Dhoop sekne wo aati nahi )    आओ कुछ काम करें हम भी जमाने के लिए, कोई रहे न मोहताज अब मुस्काने...

बेजुबानों को प्यार दो | Kavita Bejubano ko Pyar do

बेजुबानों को प्यार दो ( Bejubano ko pyar do )    नन्हे बालक भोले भाले हाथी घोड़े शेर पालेपशुओं से प्रेम जताते खग पखेरू दाने डालेजीवो पर दया दर्शाते गले...

सिन्दूर पर कविता | Poem in Hindi on Sindoor

सिन्दूर पर कविता  ( Sindoor par kavita )    सिन्दूर के नाम पर क्यों? नारी बंध सी जाती है, अबला बन जाती है तड़प तड़प कर जिंदा ही, मर सी जाती है। सिन्दूर के...

स्वर्ग | Swarg par Kavita

स्वर्ग  ( Swarg )   स्वर्ग   कहीं   ना   और,  बसा  खुद  के  अंतर मेंखोज   रहे  दिन- रात  जिसे  हम  उस  अम्बर में सुख   ही   है   वह   स्वर्ग  जिसे ...

बरस रहा है | Geet Baras Raha hai

बरस रहा है ( Baras raha hai )   बरस रहा है जड़-चेतन से,सुधियों का अनुराग । मिलन-ज्योति भी लगा रही है, राजभवन में आग।।🥇 पाती एक न आयी...

25 एवं 26 मार्च के मासिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन एवं मुशायरे...

तिरंगा काव्य मंच का 36 वां मासिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन एवं मुशायरा 25 एवं 26 मार्च को साहित्य त्रिवेणी के सम्पादक एवं तिरंगा काव्य मंच...

जिधर देखो उधर | Kavita Jidhar Dekho Udhar

जिधर देखो उधर ( Jidhar dekho udhar )    जिधर देखो उधर मच रहा कोहराम यहां भारी है। चंद चांदी के सिक्कों में बिक रही दुनिया सारी है। बिछ...

नैनो का अंदाज़ जुदा | Nain par Kavita

नैनो का अंदाज़ जुदा ( Naino ka andaz juda)    आंखें सबकी एक जैसी देखने का अंदाज़ जुदा। नज़ाकतें भांति भांति की नजरें होती जब फिदा। कोई तिरछी नजरें...