अवध पहुंचे राम रघुराई | Awadh Pahunche Ram
अवध पहुंचे राम रघुराई
( Awadh Pahunche Ram Raghurai )
शुभ बेला आज फिर आई, अवध पहुंचे राम रघुराई।
लंका पर विजय जब पाई, घर घर बंट रही मिठाई।
दंभ मिटा दशानन सारा, बाण मार पापी को तारा।
लंका राज विभीषण दीना, रामनाम महिमा अपारा।
रामेश्वर की करी स्थापना, रामसेतु नल नील बनाया।
सुग्रीव सरीखा सखा मिला, रामदुलारा हनुमत पाया।
जय श्रीराम तेरी प्रभुताई, अवध पहुंचे राम रघुराई।
संग सीता लक्ष्मण भाई, खुशियों की घड़ियां आई।
कौशल्या फूली नहीं समाई, आए राम भरत के भाई।
रघुकुल रीत सदा निभाई, जनमन प्रेम सुधा बरसाई।
दीप जले रोशन घर द्वारे, स्वागत में पलके बिछाई।
दिवाली सी रातें हुई सारी, अवध पहुंचे राम रघुराई।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )