ऐ चांद | Aye Chand
ऐ चांद
( Aye Chand )
ऐ चांद तुम जल्दी से आ जाना
भूखी प्यासी दिनभर की मैं बेकरार
छलनी से करूंगी साजन का मैं दीदार
शर्म से लाल होंगे तब मेरे गाल
पिया मिलन में देर न लगा जाना।
ऐ चांद तुम जल्दी से आ जाना।
मेहंदी रचे हाथ, सजे कंगन के साथ
पूजा की थाल लिए, करवा हाथ
मांगूंगी तुमसे रहे, साजन सदा साथ
लंबी उम्र का वर ,पिया को दे जाना
ऐ चांद तुम जल्दी से आ जाना।
मेरा सौलह -श्रंगार सब साजन से है
बिखरे जीवन में प्यार साजन से है
घर परिवार सब मेरे साजन से है
सात जन्मों के साथ का वर दे जाना
ऐ चांद तुम जल्दी से आ जाना।
माना भूख प्यास से मै अकुलाऊंगी तब
साजन की बेचैनी मैं सह पाऊंगी कब
मेरे साजन पिलाए मुझे अधर सुधा जब
फिर बादलों में तुम छुप जाना
ऐ चांद तुम जल्दी से आ जाना।
लता सेन
इंदौर ( मध्य प्रदेश )