ऐ मेरे गाँव

( Aye Mere Gaon )

 

ऐ मेरे गाँव की रौशन गलियाँ तुम यूँही मेरी राहें तकना,
हाँ हम लौटके आएंगे ज़रूर, तुम आँखें बिछाए रहना,

चाहे किसी भी जहान चले जाएं तुमको भूल न पाएंगे,
तेरा इंतज़ार भी ख़त्म होगा, यह उम्मीद लगाए रहना,

सुबह तुझे अलविदा कह निकलें, शामें तेरे संग गुज़ारें,
सुनो न ऐसे ही सुनहरे ख़्वाब पलकों पे सजाए रखना,

होकर के जुदा तुमसे ज़िंदगी हमेशा खाली-खाली रही,
अपने एहसास से क़्लब भर, मेरा वजूद बचाए रखना,

तेरी मिट्टी से दूर होके भी तुझमें मिलने की ख़्वाहिश है,
हमारे आने तक अपनी मिट्टी की ख़ुशबू बचाए रखना!

 

Aash Hamd

आश हम्द

पटना ( बिहार )

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