बारिश की बूंदें
बारिश की बूंदें
ऐसी बरसी थीं मुझ पर
कल बारिश की बूंदें
बरसा था मुझ पर
तुम्हारा प्यार जैसे
मिट गईं खलिश
मिट गईं दूरियां
एहसासों से मेरे
कर गई साजिशें
ऐसी बरसी थीं मुझ पर
कल बारिश की बूंदें
भीगे भीगे से शिकवे
भीगी भीगी शिकायत
आंसुओं से मेरे
कर गई साजिशें
ऐसी बरसी थीं मुझ पर
कल बारिश की बूंदें
शब्द गुम हो गए
साज़ बंद हो गए
अल्फ़ाज़ों से मेरी
कर गई साजिशें
ऐसी बरसी थी मुझ पर
कल बारिश की बूंदें
ख़्वाबों को जैसे पंख लगाए
दिल को जैसे चैन आए
गमों से मेरे
कर गई साजिशें
ऐसी बरसी थीं मुझ पर
कल बारिश की बूंदें
धुल गई नाराज़गी
धुल गई तल्खियां
बेरूख़ी से जैसे
कर गई साजिशें
ऐसी बरसी थीं मुझ पर
कल बारिश की बूंदें
छू गई तन मेरा
छू गई मन मेरा
रूह से मेरी
कर गई साजिशें
ऐसी बरसी थीं मुझ पर
कल बारिश की बूंदें
भीगे न तुम
भीगे न हम
दोनों से जैसे
कर गई साजिशें
ऐसी बरसी थीं मुझ पर
कल बारिश की बूंदें
ऐसी बरसी थीं मुझपर
कल बारिश की बूंदें
बरसा था मुझ पर
तुम्हारा प्यार जैसे।
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लेखिका: पूनम सिंह
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