बच्चे

बच्चे | Bache

बच्चे

( Bache )

नन्हें-मुन्ने प्यारे-प्यारे, होते सबके दुलारे,
बच्चे ही हमारे घर, आँगन की शान हैं।

भाषा वो दुलारी लगे, सबको है प्यारी लगे,
बोलती जो तुतलाती, बच्चों की जुबान है।

है आज का दिवस जो, कहाता बाल दिन है,
चौदह है नवंबर, आज बाल गान है।

कोई धैर्यवान होता, कोई वीरवान होता,
सीधा सादा होता कोई, बहुत शैतान हैं।

मन से हैं होते सच्चे, लगते सभी को अच्छे,
बच्चों के हैं प्यारे चाचा, नेहरू महान हैं।

बच्चों को तो लगे प्यारे, छुट्टियों के दिन सारे,
जाते पाठशाला जब, पढ़ें लगा ध्यान हैं।

Abha Gupta

आभा गुप्ता
इंदौर (म. प्र.)

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