नव-वर्ष शुभ-कामना | Nav-Varsh Shubhkamna
नव-वर्ष शुभ-कामना
( Nav-varsh shubhakaamana )
सारा जग सुंदर स्वस्थ रहे,
सानंद रहे सकुशलता हो।
स्नेह प्रेम ममता का मधु ,
अपनेपन की आकुलता हो।।
निज देश जाति के बंधन में ,
आकर्षण हो परिवारों सा।
कर्तव्य कर्म का क्षणक्षण हो,
स्वर्णिम मधुरिम उपहारों सा।।
करुणा में दया क्षमा में सब,
सारूप बनें – उस कर्त्ता का।
संकल्प और विश्वास नये,
उध्दार करें भू का भव का।।
बेचैन रहा हर मानव-मन,
सुख-चैन नया पाये फिर से।
सुख-शान्तिऔरसदभावों का,
सावन आकर घरघर बरसे।।
दुख-दर्द-दैन्य इतिहास बनें ,
वंशी की फिर गूंजें तानें।
फूलों-कलियों की सुन्दरता ,
बच्चों की भोली मुस्कानें।।
है यही कामना नया – वर्ष ,
यह जो आये ऐसा आये।
सब के ही जीवन-आंगन में,
अगणित खुशियों को बरसाये।।
कवि : मनोहर चौबे “आकाश”
19 / A पावन भूमि ,
शक्ति नगर , जबलपुर .
482 001
( मध्य प्रदेश )
” शुभ-कामना है कि 2024 का यह नूतन वर्ष आप के लिए, आपके परिवार के लिए और आपके सम्पूर्ण वातावरण के लिए मंगलमय और सौभाग्य शाली हो ! तथा इस वर्ष में रह कर हम सभी अपने अतिशय प्रिय और पवित्र भारत देश की सुख-समृद्धि तथा यश-कीर्ति की अभिवृद्धि के कारक बन सकें ” !
– – मनोहर चौबे “आकाश”