
बदल गया है
( Badal gaya hai )
बदल गया है लोगों के
रहने का,चलने का
खाने का, पीने का
उठने का,बैठने का
एक-दूसरे मिलने का
साथ-साथ चलने का
ढंग………….।
बदल गया है लोगों के
सड़क पर निकलने का
सफ़र में जाने का
दुकान से खरीददारी का
किसी वस्तु को छूने का
बाज़ार में जाने पर
बच कर रहने का
ढंग…………….।।
कवि :सन्दीप चौबारा
( फतेहाबाद)