तेरी मोहब्बत में
तेरी मोहब्बत में

 तेरी मोहब्बत में 

( Teri mohabbat mein )

 

मोहब्बत का नशा मुझे ,
इस कदर छाने लगा है ,
कि सपनों में चेहरा ,
उसी का आने लगा है ,,

चेहरा जब भी दिखता है उसका,
मन में एक लहर सी छा जाती है,
उस समय जुबा खामोश होती है,
पर आंखें सब कह जाती हैं ,,

यह आंखें कहना तो और भी चाहती है,
पर कह नहीं पाती ,
तुम मुझसे दूर ना हो जाओ,
बस हर पल यह देखने से आंखें डर सी जाती हैं ,,

कभी चेहरे पर खुशी कभी
गम सा छा जाता है ,
तेरी एक छोटी सी मुस्कुराहट से,
मेरा संसार ही बदल जाता है ,,

तू मजाक करती है ,
मैं सच मान लेता हूं ,
तेरी छोटी सी शैतानियां को,
मैं अपना प्यार मान लेता हूं ,,

अब होठों पर मेरा उसी का
नाम रहता है ,
चेहरा कुछ भी कहे पर दिल
पे पहरा उसी का रहता है,,

कलम चलती है ,
मगर रुक जाती है ,
तेरे रुठ जाने से ना जाने क्यों,
मोहब्बत और बढ़ जाती है ।

लेखक : कुमार संजय

( चम्बा हिमाचल प्रदेश )

यह भी पढ़ें :-

प्यार करता हूँ | Pyar Kavita

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here