कृष्ण ने लिया मनुज अवतार
कृष्ण ने लिया मनुज अवतार

कृष्ण ने लिया मनुज अवतार

( Krishna ne liya manuj avtaar )

 

कारावास दिया बहना को, बढा कंस का अत्याचार।
आठवां पुत्र मौत बनेगा, हो गया अब जीना दुश्वार।
खुल गए सारे द्वार जेल के, सो गए सारे पहरेदार।
दुष्ट कंस वध करने, कृष्ण ने लिया मनुज अवतार।

 

कृष्ण कंहैया नटवर नागर, तेरी लीला अपरंपार।
वसुदेव चल पड़े गोद ले, लगा बरसने मुसलाधार।
यमुना नदी आतुर हो गई, अब आए जग करतार।
शेषनाग स्वयं आये कृष्ण ने लिया मनुज अवतार।

 

नंदलाल घर खूब मच गई, धूम बढ़ी ही अब भारी।
लालो जायो आज यशोदा कर उत्सव की तैयारी।
तिरलोकी को नाथ आयो, भवसिंधु तारणहार।
जग की हरने पीर, कृष्ण ने लिया मनुज अवतार।

 

ग्वालों संग माखन खाये, गोपाला मन सबके भाये।
वृंदावन में चल रही अब, लीलाधारी की लीलाएं।
बंसी बाजे राधा नाचे, महके मधुबन मस्त बयार।
मेरे मोहन मुरारी, कृष्ण ने लिया मनुज अवतार।

 

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कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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