Beta
Beta

बेटा

( Beta )

 

झूले में पड़े रो-रो कर मां को बुलाने वाले
गोदी से ना उतरने की जिद करने वाले
बिना मां की लोरी के ना सोने वाले
लकड़ी के गडले को पकड़ के खेलने वाले
मां के आंचल में दौड़ कर छुपने वाले
मिट्टी के सने हाथ मुंह पर रख हंसने वाले
धूल में लौटकर पानी में छप छप करने वाले
घर की दीवारों पर बेतरतीब लाइने खींचने वाले
घर में उधम धमाचौकड़ी मचाने वाले
कभी पतंग तो कभी पेड़ों पर चढ़ने वाले
पतली सी किताब से मोटी किताबों को पढ़ने वाले
छोटे से चूजे से चिड़िया के
पंख फैलाने वाले
बचपन से कब वयस्क होने वाले
मां को प्यार से अलविदा कहने वाले
मां के चेहरे पर मुस्कान लाने वाले
मां की प्रार्थना से सफलता पाने वाले
उंगली पकड़कर चलने से बगल में खड़े होने वाले
बेशक पास नहीं पर दिल के हर कोने में बसने वाले
खुशियों से दामन भरा रहे मेरे लाड़ले

 

डॉ प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार
टीकमगढ़ ( मध्य प्रदेश )

यह भी पढ़ें :-

शिरोमणि महाराणा प्रताप | Maharana Pratap veer ras Kavita

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here