Beti ki Doli
Beti ki Doli

 बेटी की डोली

( Beti ki doli ) 

 

बेटी का जाना डोली में

सौभाग्य पिता का होता है,

बेटी का सुहागन हो जाना

एहसास सुखदमय होता है।

 

डोली का मतलब हो ली है

पावन रिस्ते सम्बंधों की,

छोड़ चली बेटी घर को

जोड़ी रिस्ता अनुबंधों की।

 

है चक्र कभी जब घहराता

डोली बन जाती है अर्थी,

कुछ मिले ताड़ना ऐसी कि

जीवन हो जाती है सस्ती।

 

‌कभी कभी जल जाती हैं

मर जाती हैं वह तड़प तड़प,

सह जाती है दर्द सभी वह

सुन जाती हैं  सभी झड़प।

 

हे ईश्वर तू देख देख कर

सह पाता कैसे इसको,

तेरी है यह उत्तम रचना

धरती पर भेजा जिसको।

रचनाकार रामबृक्ष बहादुरपुरी

( अम्बेडकरनगर )

यह भी पढ़ें :-

गुरु वंदना | Guru Vandana

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here