Bewafa sanam ghazal
Bewafa sanam ghazal

बेवफा जब से सनम मेरा हुआ

( Bewafa jab se sanam mera hua )

 

 

बेवफा जब से सनम मेरा हुआ

साथ मेरे कल बड़ा धोखा हुआ

 

घेरे है क्यों तेरे अपनें इस तरह

तू बता कल साथ तेरे क्या हुआ

 

की मिले इतने मुहब्बत के सितम

ज़ख्म दिल में और भी गहरा हुआ

 

अंगूठी ले ली सगाई की मुझसे

अब पराया उससे रिश्ता हुआ

 

वादा करके वो नहीं आया मिलनें

आज अपनी बात से झूठा हुआ

 

वो गया ऐसा मिला फ़िर वो नहीं

जिंदगी में ही इतना तन्हा हुआ

 

बेवफ़ा “आज़म” मिले है दोस्त सब

जिंदगी में कौन जो अपना हुआ

 

शायर: आज़म नैय्यर

(सहारनपुर )

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