बिटिया रानी
बिटिया रानी

बिटिया रानी

( Bitiya Rani )

 

 

बिटिया जब डाँट लगाती है ,

वो दिल को छू जाती है l

 

बिटिया जब दुलराती है ,

मन को बहुत लुभाती है l

 

बिटिया जब हंसती है ,

रोम रोम पुलकित हो जाता है l

 

बिटिया के रोते ही ,

तन मन सब थर्राता है l

 

मात पिता की खुशहाली बिटिया ,

उनके जीवन की हरियाली बिटिया l

 

बिटिया धन है , बिटिया जेवर ,

माहौल बनाते बिटिया के तेवर l

 

बिटिया जीवन की श्रद्धा ,

ईश्वर की वह है अनुकम्पा l

 

बिन बिटिया जीवन सूना ,

चहल – पहल लगाती वह बन हड़कम्पा l

 

बिटिया में मां है ,

बिटिया में है बहना l

 

पत्नी बन बिटिया ,

बनती घर का गहना l

 

फिर क्यों , बिटिया ठुकराई जाती है ,

रौंदी और सताई जाती है ?

 

हद तो तब है , बिटिया जब ,

निर्ममता से पीटी और जलाई जाती है l

 

गर बिटिया न होती ,

तो सोचो , क्या होता ?

 

न हम होते , न तुम होते ,

और न ही ये जग होता l

 

इन्दिरा , बेदी हो , या हो सुकुई ,

हो मार्गरेट थैचर , या फिर नुई l

 

बिटिया जब जब आगे आई है ,

खुशहाली और तरक्की लाई है l

 

रानी लक्ष्मी , मदर टेरेसा ,

बन सकती हैं , बिटिया ही एैसा l

 

बिटिया से ही जग संरचित ,

बिटिया से सब संरक्षित l

 

इसी लिये उसे मत ठुकराओ ,

न ही पीटो और सताओ l

 

बिटिया के घर आने पर ,

पुलकित मन से खुशी मनाओ l

?

कवि : ललित अस्थाना

फरीदाबाद ( हरियाणा )

सौभाग्य से जुड़वाँ बेटियों का पिता होने के नाते , उनके प्रति अपने एहसास को उपरोक्त शब्दों में पंक्तिबध् करने की एक कोशिश .

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