Brahma ji par kavita
Brahma ji par kavita

परमपिता ब्रह्मदेव

( Param Pita Brahma Dev ) 

 

सनातन धर्म के अनुसार आप है सृजन के देव,
तीनों प्रमुख देवताओं में आप एक है ब्रह्मदेव।
वेदव्यास द्वारा लिखें पुराण में है आपका लेख,
चतुर्भुज और चतुर्मखी भगवान आप ब्रह्मदेव।।

 

यू तों आपका ब्रह्मदेव जग में ढ़ेर सारा है नाम,
सृष्टि-की रचना करनें का आपका ही है काम।
राजस्थान के पुष्करराज में बना आपका-धाम,
जीवन संगिनी आपकी सावित्री जिनका नाम।।

 

श्रीहरि विष्णु की नाभी से हुई आपकी उत्पति,
पितामह एवं कहलाते हो संसार के प्रजापति।
कार्तिक शुक्ल एकादशी से लगता भव्य-मेला,
प्राचीन ग्रन्थों अनुसार पुत्री आपकी सरस्वती।।

 

कुदृष्टि झूठी बोली के कारण मिला ऐसा श्राप,
प्रमुख एक मंदिर है जहां होता आपका जाप।
अजमेर से १४ किलोमीटर दूरी पे पुष्कर राज,
कमल फूल हाथ में व हंस सवारी करतें आप।।

 

चतुरानन श्वेताम्बर ब्रह्मेश ब्रह्मेश्वर व रचियता,
दर्शन को आतें भक्त-गण आपके जगतपिता।
सनकादि ऋषि नारद मुनि और दक्ष प्रजापति,
सप्त ऋषियों सहीत आप दसों पुत्रों के पिता।।

 

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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