Buniyaad
Buniyaad

बुनियाद

( Buniyaad ) 

 

पूरी ईमानदारी से
केवल तीन प्रश्नों के उत्तर ही
खोज लीजिए ,की अब तक आपने
क्या खोया क्या पाया
आपके समाज और देश ने
क्या खोया क्या पाया
बस,
आपको जीने , जन्मने और पाने का अर्थ
मिल जायेगा….

जिंदा रहना ही अगर जिंदगी है
तो मान लीजिए की
आप एक बोझ हैं धरती पर
बदनुमा दाग है अपने बुजुर्गों पर
और एक अत्याचारी हैं
अपनी ही आनेवाली पीढ़ी पर…..

दिन तो बीत ही जाता है
उमर तो गुजर ही जाती है
दिन,महीने,साल सभी
रह जाते हैं तो सिर्फ
आपके आज के बुनियाद पर
कल के परिणाम
जिसे भोगती हैं
पीढियां दर पीढियां….

अपने वंश के लिए
राम भी तुम्ही,रावण भी तुम्ही
दुर्योधन और अर्जुन भी तुम्ही
आजाद और जयचंद भी तुम्ही…

फैसला आपका ,सोच और समझ आपकी
भविष्य आज की बुनियाद पर…

 

मोहन तिवारी

( मुंबई )

यह भी पढ़ें :-

पुरुषों | Purushon

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here