आज खुशी का मन बहुत उदास था!
जैसे मानो सब कुछ उजड़ गया। क्योंकि आज उसको पता चला कि उसका फ्रेंड्स अकाउंट जिस पर वह दिन रात चैटिंग करती हैं वह अचानक से हैक कर लिया गया और संबंधित अकाउंट भी खुल नहीं रहे।

समझो कि उसके पैरों तले जमीन निकल गई जैसे किसी ने उसका सब कुछ छीन लिया ,यह ऐसी घटना थी जिसके बारे में वह जिक्र करती भी तो उसकी अंदरूनी मनोदशा कोई समझने वाला नही था बल्कि उसका मजाक उड़ाते ।

सच्चाई तो यह थी कि जीवन के जितने भी सुनहरे पल या अवसर होते थे, वह अक्सर अपने मोबाइल में कैद कर लिया करती थी और बड़े मजे से अपने फ्रेंड्स अकाउंट पर डालती थी। वह सारे पिक्चर्स अपने अकाउंट में सेव कर लिया करती थी । फ्रेंड्स एकाउंट हैक होने के बाद उसके पास कुछ भी नहीं था । सिवाय एक उम्मीद की कोई उसका अकाउंट उसे वापस कर दे।

वह काफी दिनों डिप्रेशन में रही। फिर खुशी का एक मित्र जब मिला तो उसकी पूरी बात सुन उसकी हालत देख उसने खुशी को समझाया कि इस प्रकार किसी पर भी निर्भर रहना अपना सब कुछ ऐसे ऑनलाइन ही रखना गलत है परंतु अपनी स्मृतियों को याद करो वह अभी भी तुम्हारे दिल में हैं,तुम्हारे दिमाग में हैं !

“हां हो सकता है तुम्हें समय लगे” उसने उसके हाथ में कैमरा थमाया और बोला ” एक्शन ,” खुशी तुम आज भी इतनी अच्छी लगती हो चलो अब फिल्म जगत के लिए नहीं अपने खुद के अच्छे मूड के लिए सेल्फी निकालो और उसे अपडेट करना जो चला गया हम उसके लिए नहीं जीते ,जो हमारे पास हैं हमें उसके लिए जीना चाहिए और आभासी दुनिया के लिए स्वयं की दुनिया से मुंह मोड़ लेना उचित नहीं ।

आशी प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
ग्वालियर – मध्य प्रदेश

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