सर्दी

सर्दी | Sardi

सर्दी सर्दी में होती जब कड़क ठंडी हवा ।चाय की प्याली होती सबकी प्यारी दवा।।मास दिसंबर में जब होती प्यारी सर्दी।भाई पहन लेते सब अपनी गर्म वर्दी।। सर्दी में जब-जब ठंडी हवा चलती।कपड़े भी देखो कहा हवा सुखाती।।ठंडी हवा में चाय की प्याली होती प्यारी।ठंडी हवा में चाय का मजा लें दुनिया सारी।। किट-किट बजते…

चिट्ठी और संदेश

चिट्ठी और संदेश

चिट्ठी और संदेश तेरी यादें, हवाओं में सजी हैं,हर आहट में तेरी कोई कड़ी बसी है।चिट्ठी न कोई, न ही कोई पैगाम,तेरे बिना वीरान लगे ये सारा जहां तमाम। तेरे जाने का दर्द, अब भी दिल से उतरता नहीं,हर रास्ता तेरा पता पूछता है, कहीं पर भी रुकता नहीं।जाने वो कौन सा देश है, जहाँ…

मां तुम रोना मत

मां तुम रोना मत | Maa Tum Rona Mat

मां तुम रोना मत अब अगले जन्म में मिलनामैं बनने वाला हूंकिसी भी पल लाशयहां बस जंगल हैंगीदड़, कुत्ते, भेड़ियों के दंगल हैंखा जाएंगे नोच –मेरी देह कोतुम्हें मेरी मिट्टी भी नहीं मिलेगीवहीं अपने खेत की मिट्टी कोअपनी छाती से लगा लेनामुझे राजा बेटा कह- कहपुकार लेनामां मत रोना मुझे याद हैजब पहली बार तुमखेत…

मानव यही धर्म | Manav Yahi Dharm

मानव यही धर्म | Manav Yahi Dharm

मानव यही धर्म ‘मानव’ यही रहा है धर्म पुराना,धर्म का न कोई अलग निशाना;न देखा ‘अल्लाह’ को किसी ने,नहीं ‘गॉड’ से भी पाया किसी ने | इंसान ने ही भगवान बनाया,भगवान एक ही आद्य या अंत;अब तो मिटा दिया करो सभी,दिवार जात-पात या धर्म-पंथ | धर्म भेद को भूलाकर सभी,एक साथ रहो मिलकर अभी;धर्म कलह…

डा. तरुण राय ‘कागा’ जी

डा. तरुण राय ‘कागा’ जी

डा. तरुण राय ‘कागा’ जी रेतीले धोरों की माटी का सच्चा सपूत,कला-साहित्य का जो रखे अद्भुत रूप।चौहटन की धरती से उठाया परचम,डा. तरुण राय ‘कागा’, नाम हुआ अमरतम। कभी कविताओं में बहाए भावनाओं के रंग,कभी विधायक बन सजाए जनता के संग।साहित्य से राजनीति तक सफर किया विशाल,हर क्षेत्र में दिखी आपकी अद्वितीय मिसाल। कलम से…

Tamarind Tree

इमली का पेड़ | Imali ka Ped

इमली का पेड़ वो चुपचाप खड़ाबूढ़ा इमली का पेड़पाठशाला प्रांगण मेंदो मंजिला इमारत के सामनेध्यानमग्नबुद्ध की तरहमानो सत्य का ज्ञान पाकरदे रहा संदेश मानवता कोजड़ता छोड़ोया ऋषि की भांति तपस्या में लीनजिसने सीख लिया सम रहनाइस सावन मेंनहीं आई नवीन पत्तियांफिर भी बाँटता रहताखड़खड़ाती इमली के फलअब उसे नहीं लगता डरआंधी -तूफान सेजैसे उसने समझ…

सुनो तो

सुनो तो | Suno to

सुनो तो आज आ रही है हिचकियां सुबह से न जाने क्यों,कल से ही दोनों नयन फड़क रहे हैं न जाने क्यों।दोनों नयन फड़कता है समझ में नहीं आता मेरे,मन मेरा कह रहा है वह आएगी न जाने क्यों।। दब गई है चिट्टियां मोबाइल के इस दौर में,प्यार भी तो घट गया मोबाइल के इस…

देखते है | Dekhte Hain

देखते है | Dekhte Hain

( ऐसे तो कितने ही सारे अतुल सुभाष है जिन्हें कोई जानते नहीं है, उनमें से कुछ दुनिया में आज भी मौजूद है कुछ इस दुनिया से जा चुके हैं!! ) देखते है देखते है अब कौन हो हल्ला करेगा।देखते है अब कौन कैंडल जलाएगा। निर्दोष पुरुष बेमौत मरा है यह देखो,कौन जो खिलाफ आवाज़…

बदलने से

बदलने से | Badalne se

बदलने से हमको परहेज़ है साहब कहाँ बदलने से।कुछ न बदलेगा मगर बस यहाँ बदलने से। बात कोई नहींं करता वहाँ बदलने कीहम बदल सकते हैं सचमुच जहाँ बदलने से। न दिल, न जज़्बा, न लहजा, न नज़रिया, न नज़रकुछ बदलता नहीं है चेहरा बदलने से। सर झुकाने के तरीके के सिवा क्या बदलादिल बदलता…

मां शारदे

शारदे मां का वंदन

शारदे मां का वंदन ज्ञान की देवी मातु शारदे, मां मैं तुझको प्रणाम करूं,निशदिन तुझे प्रणाम करूं,तेरे चरणों में मैं शीश धरुं।जग का भाग्य बनाने वाली मां,मेरा भी जग नाम करो,इतनी बुद्धि दे देना मां शारदे,आठों पहर तेर नाम धरूं।। मां मेरी अभिलाष यही,जग में ज्ञान की ज्योति जगाऊं मैं,तेरे आशीर्वाद से मां बस जग…