उंगलियां उठा देंगे | ग़ज़ल दो क़ाफ़ियों में

उंगलियां उठा देंगे | ग़ज़ल दो क़ाफ़ियों में

उंगलियां उठा देंगे ( Ungliyan Utha Denge ) ज़मीने-दिल पे तो हम कहकशां भी ला देंगे तमाम लोग यहाँ उंगलियां उठा देंगै कहीं नमक तो कहीं मिर्चियां मिला देंगे दिलों में लोग यूँ हीं दूरियां बढ़ा देंगे ज़माना हमको भी मुजरिम क़रार दे देगा किसी से ऐसी कोई दास्तां लिखा देंगे किसी को सच की…

आज़म नैय्यर की ग़ज़लें | Aazam Nayyar Poetry

आज़म नैय्यर की ग़ज़लें | Aazam Nayyar Poetry

दिल अपना तो याद बहुत आता वो अक्सर है ? आँखें आंसूओं से यूं तर है जब से छोड़ गया है साथ वहीं खाली लगता अब तो ये घर है उल्फ़त के दिन खोये है ऐसे नफ़रत का हर पल अब मंजर है क्या लेना नफ़रत की बातों से दिल अपना तो यारों शायर है…

मिजाज | Mijaaj

मिजाज | Mijaaj

मिजाज एक लम्हे में कैसे मिजाज बदल लेते हैं, यह जहां पल में रिश्ते तमाम बदल लेते हैं। इतनी जल्दी तो मौसम भी नहीं बदला करते, यह ऐसे बदलते जैसे लिबास बदल लेते हैं। एहसास-ओ-जज़्बात से खाली हो गए हैं सारे, ये मतलब के लिए तो ख़्याले-मीरास बदल लेते हैं। तुम उनको जवाब देकर तो…

झूठा ज़रूर निकलेगा

झूठा ज़रूर निकलेगा | Jhutha Zaroor Nikalega

झूठा ज़रूर निकलेगा ( Jhutha Zaroor Niklega ) तेरा ये फ़ैसला झूठा ज़रूर निकलेगा कुसूरवार जो था बेकुसूर निकलेगा यक़ीं है शोख का इक दिन ग़ुरूर निकलेगा वो मेरी राह से होकर ज़रूर निकलेगा पलट रहा है वरक़ फिर कोई कहानी के न जाने कितने दिलों का फ़ितूर निकलेगा पिला न साक़िया अब और जाम…

मेरे होंठों की उसने हंसी छीन ली

मेरे होंठों की उसने हंसी छीन ली

मेरे होंठों की उसने हंसी छीन ली तीरगी बख़्श दी रोशनी छीन ली। मेरे होंठों की उसने हंसी छीन ली। मुस्कुराती थी जो मेरे रुख़ पर सदा। उसने ख़ुशियों की वो चांदनी छीन ली। जाम नज़रों से उसने पिला कर मुझे। मेरे होंठों की सब तिश्नगी छीन ली। मुस्कुरा कर मुझे इक नज़र देख कर।…

Krishna kanhaiya geet

किशन बाँसुरी तूने जब भी बजाई

किशन बाँसुरी तूने जब भी बजाई किशन बाँसुरी तूने जब भी बजाई तेरी राधिका भी चली  दौड़ी आई नहीं और कुछ देखने की तमन्ना तुम्हारी जो  मूरत है मन में समाई हुई राधिका सी मैं भी बाबरी अब कथा भागवत माँ ने जब से सुनाई रहे भक्त तेरी शरण में सदा जो भंवर से उसी…

मुंतज़िर रहता खुशी को | Ghazal Muntazir Rahta

मुंतज़िर रहता खुशी को | Ghazal Muntazir Rahta

मुंतज़िर रहता खुशी को ( Muntazir Rahta ) मुंतज़िर रहता खुशी को मन बहुत कट रहा है गम भरा जीवन बहुत प्यार की खुशबू से मैं वीरान हूँ है कहीं उल्फ़त भरा गुलशन बहुत एक मैं हूँ प्यार से भीगा नहीं प्यार का बरसा कहीं सावन बहुत जिंदगी में भेज दे कोई हसीं जिंदगी में…

घर नहीं मिला

घर नहीं मिला | Ghazal Ghar Nahi Mila

घर नहीं मिला ( Ghar Nahi Mila ) हमसे मुसाफिरों को कहीं घर नहीं मिला रस्ते बहुत थे राह में रहबर नहीं मिला वीरान रास्तों में पता किससे पूछते राह-ए-सफ़र में मील का पत्थर नहीं मिला दिन रात हम उसी के ख़यालों में ही उड़े तन्हाइयों में चैन तो पल भर नहीं मिला उसके सितम…

अस्मत | Asmat

अस्मत | Asmat

अस्मत ( Asmat ) हर तरफ एक कोहराम मचा है, लगता है हर दिल में आग लगा है। नरभक्षी जैसे झपट रहे एक दूसरे पर, मानो इंसान के अंदर का जानवर जगा है। सभी शामिल हो गए फरेबी भीड़ में, अब किसी का साफ नहीं गिरेबान बचा है। अपने ही अपनों का हक़ खाने लगा…

हमदम मेरे | Humdum Shayari

हमदम मेरे | Humdum Shayari

हमदम मेरे ( Humdum Mere ) हमदम मेरे कब आओगे या ऐसे ही तड़पाओगे वक़्त है अब भी आ जाओ तुम वक़्त गया तो पछताओगे उतना ही उलझेंगी काकुल जितना इनको सुलझाओगे आ भी जाओ बाहों में अब कब तक यूं ही तरसाओगे फोन पे ही फ़रमा दो दिलबर हम पे करम कब फ़रमाओगे खोल…