यहाँ संहार राखी का | Ghazal Sanhar Rakhi ka

यहाँ संहार राखी का | Ghazal Sanhar Rakhi ka

यहाँ संहार राखी का ( Sanhar Rakhi ka ) मनाएँ हम यहाँ कैसे बता त्यौहार राखी का । नहीं बहनें हिफ़ाज़त में यहाँ बाज़ार राखी का ।। १ मिटा दो पर्व राखी का कहाँ अब मान होता है । जहाँ बहनें गई लूटी वहाँ त्यौहार राखी का ।। २ सभी की हैं यहाँ बहनें कलाई…

हैरान नहीं है

हैरान नहीं है | Ghazal Hairan Nahi Hain

हैरान नहीं है ( Hairan Nahi Hain ) सुन कर वो मेरा हाल परेशान नहीं है इस बात से दिल मेरा भी हैरान नहीं है आसानी से खा जाते हैं धोखा ये किसी से इंसान को इंसान की पहचान नहीं है ईमान की क़ीमत तो लगाते हैं हज़ारों जो मुझको ख़रीदे यहाँ धनवान नहीं है…

हम हैं | Ghazal Hum Hain

हम हैं | Ghazal Hum Hain

हम हैं ( Hum Hain ) नज़र शल है,जिगर ज़ख़्मी है फिर भी ख़ंदाज़न हम हैं। न जाने किस लिए उनकी मुह़ब्बत में मगन हम हैं। हमारे नाम से मनसूब है हर एक जंग-ए-ह़क़। मिसालें जिनकी क़ायम हैं वही लख़्त-ए-ह़सन हम हैं। तनाफ़ुर के अंधेरों को मिटाने की ख़ता क्या की। फ़क़त इस जुर्म पर…

ज़रूरत है

ज़रूरत है | Ghazal Zaroorat Hai

ज़रूरत है ( Zaroorat Hai ) जो रूठे हैं फ़क़त उनको मनाने की ज़रूरत है मिटाकर दूरियों को पास जाने की ज़रूरत है उदासी ही उदासी है हमारे दिल की बस्ती में कोई धुन प्यार की छेड़ो तराने की ज़रूरत है गुज़ारी ज़िंदगी तन्हा किसी की याद में हम ने मगर इस दौर में हमको…

देखा इक दिन | Ghazal Dekha ek Din

देखा इक दिन | Ghazal Dekha ek Din

देखा इक दिन ( Dekha ek Din ) आंख दुश्मन की लाल कर रख दी हेकड़ी सब निकाल कर रख दी हाल आलस का ये हमारे है आज की कल पे टाल कर रख दी सच का परचम लगा है लहराने फिर हक़ीक़त निकाल कर रख दी हाथ उसके लगा नहीं कुछ पर सारी पेटी…

बातिलों से जो प्यार रखते हैं

बातिलों से जो प्यार रखते हैं

बातिलों से जो प्यार रखते हैं बातिलों से जो प्यार रखते हैं। ख़ुद को वो सोगवार रखते हैं। इ़शक़ बाज़ी में वो नहीं लुटते। दिल पे जो इख़्तियार रखते हैं। टाल जाते हैं मुस्कुरा कर वो। बात हम बार – बार रखते हैं। सब पे ख़ुशियां लुटाते हैं लेकिन। हम को वो अश्कबार रखते हैं‌।…

तुम्हारा दिल

तुम्हारा दिल | Ghazal Tumhara Dil

तुम्हारा दिल ( Tumhara Dil ) तुम्हारा दिल जो चुरा ले वो सीन थोड़ी है ग़ज़ल हमारी ये ताज़ातरीन थोड़ी है उठाए कैसे तेरे नाज़ ये भी बतला दे हमारे दिल में फ़क़त तू मकीन थोड़ी है कहाँ तलक न लगे उसको बद नज़र सबकी हमारे जैसा वो पर्दानशीन थोड़ी है वो हमको जान से…

हम से | Ghazal Hum Se

हम से | Ghazal Hum Se

हम से ( Hum Se ) मुदावा इस ग़म-ए-दिल का किया जाता नहीं हम से। तुम्हारे बिन किसी सूरत जिया जाता नहीं हम से। दबे लफ़्ज़ों में ले लेते हैं अक्सर ग़मज़दा हो कर। तुम्हारा नाम भी खुल कर लिया जाता नहीं हम से। जो तुम आकर पिलाओ तो ख़ुशी से पी के मर जाएं।…

आप सा कोई नहीं

आप सा कोई नहीं | Aap sa Koi Nahi

आप सा कोई नहीं ( Aap sa Koi Nahi ) बेवफ़ा हैं बावफ़ा कोई नहीं इस जहां में आप सा कोई नहीं वक़्त आया जब बुरा तो यूँ लगा मुझसे जैसे आशना कोई नहीं मौत आयी तो कहा ये ज़ीस्त ने दूसरा तो रास्ता कोई नहीं एक माँ के सारे बच्चे मर गये इससे बढ़…

है डर क्या

है डर क्या | Ghazal Hai Dar Kya

है डर क्या ( Hai Dar Kya ) भला दुनिया से घबरा कर कभी झुकता है ये सर क्या वो अच्छा है तो अच्छा है इसे कहने में है डर क्या । बता दो की रिहाइश मुस्तकिल उसकी है अब ये ही भला नैनो में बस के भी कोई जाता है बाहर क्या। बड़ी मानूस…