ख़बर रखता है
ख़बर रखता है ज़ख़्म देकर भी वो पल-पल की ख़बर रखता हैनब्ज़ कब बन्द हो इस पर भी नज़र रखता है उसकी उल्फ़त पे यक़ीं कैसे भला मैं कर लूँहैसियत पर जो मेरी आँख ज़बर रखता है जाने कितने ही किराये के मकानों में रहेअपना घर ही मेरा ख़ुश जान जिगर रखता है जब अचानक…