झूठा ज़रूर निकलेगा

झूठा ज़रूर निकलेगा | Jhutha Zaroor Nikalega

झूठा ज़रूर निकलेगा ( Jhutha Zaroor Niklega ) तेरा ये फ़ैसला झूठा ज़रूर निकलेगा कुसूरवार जो था बेकुसूर निकलेगा यक़ीं है शोख का इक दिन ग़ुरूर निकलेगा वो मेरी राह से होकर ज़रूर निकलेगा पलट रहा है वरक़ फिर कोई कहानी के न जाने कितने दिलों का फ़ितूर निकलेगा पिला न साक़िया अब और जाम…

मेरे होंठों की उसने हंसी छीन ली

मेरे होंठों की उसने हंसी छीन ली

मेरे होंठों की उसने हंसी छीन ली तीरगी बख़्श दी रोशनी छीन ली। मेरे होंठों की उसने हंसी छीन ली। मुस्कुराती थी जो मेरे रुख़ पर सदा। उसने ख़ुशियों की वो चांदनी छीन ली। जाम नज़रों से उसने पिला कर मुझे। मेरे होंठों की सब तिश्नगी छीन ली। मुस्कुरा कर मुझे इक नज़र देख कर।…

Krishna kanhaiya geet

किशन बाँसुरी तूने जब भी बजाई

किशन बाँसुरी तूने जब भी बजाई किशन बाँसुरी तूने जब भी बजाई तेरी राधिका भी चली  दौड़ी आई नहीं और कुछ देखने की तमन्ना तुम्हारी जो  मूरत है मन में समाई हुई राधिका सी मैं भी बाबरी अब कथा भागवत माँ ने जब से सुनाई रहे भक्त तेरी शरण में सदा जो भंवर से उसी…

मुंतज़िर रहता खुशी को | Ghazal Muntazir Rahta

मुंतज़िर रहता खुशी को | Ghazal Muntazir Rahta

मुंतज़िर रहता खुशी को ( Muntazir Rahta ) मुंतज़िर रहता खुशी को मन बहुत कट रहा है गम भरा जीवन बहुत प्यार की खुशबू से मैं वीरान हूँ है कहीं उल्फ़त भरा गुलशन बहुत एक मैं हूँ प्यार से भीगा नहीं प्यार का बरसा कहीं सावन बहुत जिंदगी में भेज दे कोई हसीं जिंदगी में…

घर नहीं मिला

घर नहीं मिला | Ghazal Ghar Nahi Mila

घर नहीं मिला ( Ghar Nahi Mila ) हमसे मुसाफिरों को कहीं घर नहीं मिला रस्ते बहुत थे राह में रहबर नहीं मिला वीरान रास्तों में पता किससे पूछते राह-ए-सफ़र में मील का पत्थर नहीं मिला दिन रात हम उसी के ख़यालों में ही उड़े तन्हाइयों में चैन तो पल भर नहीं मिला उसके सितम…

अस्मत | Asmat

अस्मत | Asmat

अस्मत ( Asmat ) हर तरफ एक कोहराम मचा है, लगता है हर दिल में आग लगा है। नरभक्षी जैसे झपट रहे एक दूसरे पर, मानो इंसान के अंदर का जानवर जगा है। सभी शामिल हो गए फरेबी भीड़ में, अब किसी का साफ नहीं गिरेबान बचा है। अपने ही अपनों का हक़ खाने लगा…

हमदम मेरे | Humdum Shayari

हमदम मेरे | Humdum Shayari

हमदम मेरे ( Humdum Mere ) हमदम मेरे कब आओगे या ऐसे ही तड़पाओगे वक़्त है अब भी आ जाओ तुम वक़्त गया तो पछताओगे उतना ही उलझेंगी काकुल जितना इनको सुलझाओगे आ भी जाओ बाहों में अब कब तक यूं ही तरसाओगे फोन पे ही फ़रमा दो दिलबर हम पे करम कब फ़रमाओगे खोल…

यहाँ संहार राखी का | Ghazal Sanhar Rakhi ka

यहाँ संहार राखी का | Ghazal Sanhar Rakhi ka

यहाँ संहार राखी का ( Sanhar Rakhi ka ) मनाएँ हम यहाँ कैसे बता त्यौहार राखी का । नहीं बहनें हिफ़ाज़त में यहाँ बाज़ार राखी का ।। १ मिटा दो पर्व राखी का कहाँ अब मान होता है । जहाँ बहनें गई लूटी वहाँ त्यौहार राखी का ।। २ सभी की हैं यहाँ बहनें कलाई…

हैरान नहीं है

हैरान नहीं है | Ghazal Hairan Nahi Hain

हैरान नहीं है ( Hairan Nahi Hain ) सुन कर वो मेरा हाल परेशान नहीं है इस बात से दिल मेरा भी हैरान नहीं है आसानी से खा जाते हैं धोखा ये किसी से इंसान को इंसान की पहचान नहीं है ईमान की क़ीमत तो लगाते हैं हज़ारों जो मुझको ख़रीदे यहाँ धनवान नहीं है…

हम हैं | Ghazal Hum Hain

हम हैं | Ghazal Hum Hain

हम हैं ( Hum Hain ) नज़र शल है,जिगर ज़ख़्मी है फिर भी ख़ंदाज़न हम हैं। न जाने किस लिए उनकी मुह़ब्बत में मगन हम हैं। हमारे नाम से मनसूब है हर एक जंग-ए-ह़क़। मिसालें जिनकी क़ायम हैं वही लख़्त-ए-ह़सन हम हैं। तनाफ़ुर के अंधेरों को मिटाने की ख़ता क्या की। फ़क़त इस जुर्म पर…