पिकनिक | वनभोज

पिकनिक  ( Picnic ) जाता नहीं कोई रोज, मनाने को वनभोज, करते मुझे क्यों हो तंग, चलो पिकनिक हर रोज, बच्चों जरा पढ-लिख लो, खुल गई है स्कूल, फिर छुट्टी के दिन...

चिड़िया रानी | Kavita Chidiya Rani

चिड़िया रानी ( Chidiya Rani )   चिड़िया रानी चिड़िया रानी क्यो करती इतना मनमानी! रोज सवेरे तुम हो आती आकर पुन:कहां हो जाती !! चाहूं साथ खेलना तेरे क्या खेलोगी...

मन को भाता है कम्प्यूटर | बाल कविता

मन को भाता है कम्प्यूटर (बाल कविता) कम्प्यूटर एक अनोखी चीज़, छोटे-बड़े सभी का अजीज़। घर, बिजनिस, स्कूल और दफ्तर, काम चले न बिना कंप्यूटर। काम सभी ये झटपट...

रंगों की बातें | Rangon ki Baatein

रंगों की बातें ( Rangon ki baatein )    क्या सोचा है कभी तुमने कैसे करते हैं रंग बातें ? गुलाबी सुबह और नीला आकाश, हम कैसे हैं पाते ? क्यों...

महत्त्व समय का | Mahatva Samay ka

महत्त्व समय का ( Mahatva samay ka )    सुनो सुनो प्यारे बच्चे, मन से सच्चे, अक्ल के कच्चे। आओ "समय की कहानी" सुनाऊं, बात पते की तुम्हें बताऊं। प्रातः समय...

बच्चों के चंदा मामा | Chandamama Bal Kavita

बच्चों के चंदा मामा ( बालकाविता )   मम्मी कहती, बहुत दूर है चंदा मामा, नभ न तारें बिखराते। इतनी दूर भला कैसे, बच्चे के हाथ पहुंच पाते। गहरा रिश्ता उनका हमसे, तभी...

चंदा मामा दूर के | Chanda mama door ke

देखो ना मां,आज मैं मामा से पहली बार मिला हूं,और जैसा तुमने कहा था मामा तो बिलकुल वैसे ही है, प्यारे प्यारे। जैसे ही...

चंदामामा | बाल मनुहार | पत्र

प्रिय चंदा मामा सुनो ना, चंदा मामा! मां जब मैं आपसे मिलने की जिद करता हूं तो मुझे थाली में पानी भरकर तुम्हे दिखाती है।...

बाल कविता – सुबह की गुनगुन

बाल कविता - सुबह की गुनगुन ( Bal Kavita - Subah ki gungun )    चिड़िया चहकी चूंँ चूंँ चुन सुबह हुई अब जागो तुम करो मातृभूमि,माँ-पिता को नमन कुछ...

बाल दिवस पर विशेष बाल कविता | Bal diwas kavita

बाल दिवस पर विशेष बाल कविता ( Bal diwas par vishesh bal kavita )      चाचा नेहरु न्यारे थें हम बच्चों के प्यारे थें चाचा फिर तुम आओ ना हमको...