chanda mama

चंदामामा | बाल मनुहार | पत्र

प्रिय चंदा मामा

सुनो ना, चंदा मामा! मां जब मैं आपसे मिलने की जिद करता हूं तो मुझे थाली में पानी भरकर तुम्हे दिखाती है। कहती है कि जैसे तुम्हारे पापा वीडियो कॉल करते है ना वैसे ही है । जब पूछता हूं चंदा मामा बोलते क्यू नही तो कहती है ‘ उन्हें बहुत से बच्चों से बात करनी होती है इसीलिय म्यूट कर दिया है।

और स्कूल वाली टीचर कहती है चंदा मामा बच्चों से बहुत प्यार करते है, बच्चों से मिलने आते है और गिफ्ट भी लाते है।

सुनो न चंदा मामा, आज सुबह समाचार में सुना था मैंने कि चंद्रयान तुम्हारे पास गया है।
इस बार कोई बहाना नही करना।चले आना और मेरे लिए ढेर सारे गिफ्ट भी लाना और मैं ना तुम्हे प्याली दूंगा। मैम पढ़ा रही थी आपने पुए पकाए थे और प्याली टूट गई थी। आना ओके और पुए भी लेते आना। दोनों मिलकर खायेगे।

धन्यवाद चंदा मामा

तुम्हारा भांजा
गोलू
पृथ्वी से

© प्रीति विश्वकर्मा ‘वर्तिका

प्रतापगढ़, ( उत्तरप्रदेश )

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